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जिम प्रोटीन पाउडर के हैं कई साइड इफेक्ट्स.

Updated: Sep 5, 2023


These are side effects by consuming gym protein powder which effects on your health
Gym Protein Powder side effects

प्रोटीन आपके लिए काफी जरूरी होता है लेकिन क्या आप जानते हैं कई सारे प्रोटीन सप्लिमेंट्स के साइड इफेक्ट्स (Side Effects Of Protein Supplements) भी हो सकते हैं. प्रोटीन पाउडर दूध, छाछ, कैसिइन और सोया से बना एक सूखा पाउडर होता है. अब तो मटर से भी प्रोटीन बनाया जा रहा है. अक्सर जब लोग खाने से जरूरी प्रोटीन नहीं ले पाते हैं, तो प्रोटीन पाउडर (Protein Powder) का इस्‍तेमाल करते हैं. वे प्रोटीन सबसे कॉमन प्रोटीन है जो सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है. इसी प्रोटीन को ज्यादातर जीमर्स और बोडी बिल्डर (Body Builder) लेते हैं. इसमें ग्लोबुलर प्रोटीन (Globular Protein) होता है जिसे लिक्विड सामग्री से तैयार किया जाता है. यह लिक्विड मटिरियल चीज प्रोडक्स के बायोप्रोडक्ट से तैयार किए जाते हैं. यह ग्लोबुलर शरीर को फायदा देने से ज्यादा नुकसान पहुंचा सकते हैं. जिम में जाने वाले युवा आजकल काफी मात्रा में प्रोटीन लेते हैं. यह सही भी है, क्योंकि जब आप जिम जाते हैं और वर्कआउट्स (Workouts) पर काम करते हैं, जो मसल्स (Muscles) बनाने का काम करते हैं तो शरीर को मसल्स बिल्ड करने के लिए प्रोटीन देना भी जरूरी है. इसके लिए लोग अक्सर सप्लिमेंट का सहारा लेते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आप जिस प्रोटीन पाउडर को हेल्दी सोचकर ले रहे हैं वह आपकी सेहत को नुकसान भी पहुंचा सकता है. प्रोटीन पाउडर के हैं कई साइड इफेक्ट्स! सेहत को पहुंचा सकता है गंभीर नुकसान. 1. कर सकते हैं मुंहासे वेह प्रोटीन जैसे पाउडर्स में कई तरह के हारमोंस और बायोएक्टिव पेपटिड्स होते हैं. जो सीबम निर्माण को बढ़ा देते हैं. अध्ययनों से यह बात पता चली है कि प्रोटीन सप्लिमेंट लेने से मुंहासों की समस्या बढ़ सकती है. 2. पोषण का असंतुलन प्रोटीन पाउडर लेने से शरीर में न्यूट्रिशन का असंतुलन हो सकता है. प्राकृतिक प्रोटीन जैसे अंडे, दूध और मीट लेने से ऐसा होने की संभावना कम होती है. प्रोटीन पाउडर से ज्यादा मात्रा में प्रोटीन ही मिलता है जो ज्यादा डेन्स होता है और उसे पीने से पोषण का असंतुलन हो सकता है. 3. आंत माइक्रोबायोटा होता है अस्थिर वेह मिल्क ऐसा दूध है जो कुछ कंपाउंड्स का स्रोत होता है. लेक्टोफेरिन जैसे एंटिबायोटिक कंपाउंड के चलते वयस्क आंत में समस्या (Adult Gut Flora) होने की संभावना बढ़ जाती है. इससे पेट खराब रह सकता है और इससे गैस या अपच की समस्याएं पैदा हो सकती हैं. 4. विषाक्त पदार्थ कर सकते हैं नुकसान! कुछ कंपनियों के प्रोटीन पाउडर में काफी मात्रा में टॉक्सिक मेटेल्स यानी विषाक्त पदार्थ होते हैं. जो शरीर के लिए नुकसानदायक हैं. इन्हें लेने से सिरदर्द, फेटीग्यू, कब्ज और मासपेशियों में दर्द की शिकायत हो सकती है. 5. बढ़ा सकते हैं इंसुलिन लेवल कई बार प्रोटीन पाउडर लेने के ऐसे नुकसान भी हो जाते हैं जो लंबे समय में काफी बुरे साबित होते हैं. इन्हीं में से एक है इससे होने वाला इंसुलिन के स्तर में बदलाव. वर्कआउट के बाद प्रोटीन पाउडर लेने से इंसुलिन में बढ़ोतरी होती है इस तरह नियमित रूप से इंसुलिन में होने वाली यह यकायक बढ़ोतरी आगे के लिए नुकसानदायक हो सकती है. 6. किडनी को नुकसान अधिक मात्रा में प्रोटीन पाउडर लेने से किडनी संबंधी बीमारियां होने का जोखिम बढ़ जाता है। इसका ज़्यादा सेवन करे से शरीर में यूरिया का उत्पादन बढ़ता है, जिससे किडनी पर अधिक दबाव पड़ता है। रोजाना प्रोटीन पाउडर का सेवन करने से किडनी कमजोर हो सकती है और पथरी और किडनी संबंधी अन्य बीमारियां हो सकती हैं। इतना ही नहीं, जरूरत से ज्यादा प्रोटीन शेक पीने से किडनी फेलियर भी हो सकता है। 7. बढ़ सकता है ब्लड में एसिड का स्तर अगर आप जरूरत से ज्यादा प्रोटीन पाउडर लेते हैं, तो इससे आपके खून में एसिड की मात्रा बढ़ सकती है। दरअसल, हमारे खून का पीएच लेवल सामान्य रूप से 7.35 से 7.45 के बीच होना चाहिए। लेकिन प्रोटीन पाउडर का ज्यादा सेवन करने से यह स्तर कम हो सकता है। इससे खून में कीटोन का स्तर बढ़ने लगता है, जिससे आगे चलकर कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। कितनी मात्रा में करें प्रोटीन पाउडर का सेवन?

अगर आपने अपनी डाइट में सोयाबीन, दाल, अंडा या मीट जैसे प्रोटीन सोर्स शामिल किए हैं, तो आपको दिन में 1 से 2 स्कूप प्रोटीन पाउडर का ही सेवन करना चाहिए। अध्ययनों से पता चलता है कि दिन में 2 या 3 चम्मच से ज़्यादा प्रोटीन पाउडर का सेवन करना सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। "प्रोटीन बांझपन का कारण बनता है?"

प्रोटीन का सेवन वे लोग अधिक करते हैं, जो मसल्स बनाना चाहते हैं या वजन कम करना चाहते हैं. लेकिन हाल ही में हुई स्टडी में दावा किया गया है कि प्रोटीन के अधिक सेवन से पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन का लेवल कम हो जाता है और यह इनडायरेक्ट रूप से कम स्पर्म काउंट का कारण बन सकता है. 'द जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन एंड हेल्थ' में एक स्टडी प्रकाशित हुई है. ये स्टडी ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ वॉर्सेस्टर में न्यूट्रिशनल थैरेपी एक्सपर्ट जो व्हिटेकर (Joe Whittaker) के नेतृत्व में की गई है. इस स्टडी के मुताबिक, हाई प्रोटीन डाइट लेने से पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन लेवल कम हो सकता है. इस रिसर्च में 8 हफ्ते तक 309 पुरुषों के टेस्टोस्टेरोन लेवल की जांच की गई थी. रिसर्च में शामिल लोगों की डाइट में 35 प्रतिशत मीट, मछली, प्रोटीन शेक शामिल थे. 8 हफ्ते बाद जब जांच की गई तो पाया गया कि उनके टेस्टोस्टेरोन लेवल में 37 प्रतिशत की कमी थी. रिसर्च में शामिल लोगों ने टेस्टोस्टेरोन में कमी के लक्षणों को भी अनुभव किया, जिसमें इरेक्टाइल डिसफंक्शन (वीर्य कम बनना), थकान, डिप्रेशन, मसल्स में कमजोरी शामिल थे. "Final Conclusion by Dr. Sunny Gupta" प्रोटीन के सेवन से शरीर को एनर्जी मिलती है. अगर शरीर में प्रोटीन की कमी हो जाए तो आप दिन भर थकान, शरीर और जोड़ों में दर्द महसूस करते हैं. प्रोटीन की कमी से बाल और नाखूनों से जुड़ी समस्या भी होने लगती है. हमारे शरीर में कई तरह के एंजाइम, रसायन और हार्मोन को बनाने में भी प्रोटीन मदद करता है. प्रोटीन पाउडर के प्रकार: प्रोटीन पाउडर के फायदे (protein powder benefits), प्रोटीन का सेवन कब करना चाहिए आदि से जुड़ी जानकारी प्राप्त करने के बाद जरूरी है कि आप यह जाने कि प्रोटीन के कितने प्रकार होते हैं। प्रोटीन पाउडर के प्रकार (types of protein powder) जानने के बाद ही आप यह फैसला कर पाएंगे कि आपके लिए कौन- सा प्रोटीन पाउडर सही है।

1. व्हे प्रोटीन: व्हे प्रोटीन का सेवन ज्यादातर एथलीट के द्वारा किया जाता है। इसे पूरा प्रोटीन माना जाता है और इसमें अमिनो एसिड भरपूर मात्रा में पाया जाता जो मनुष्य के शरीर के महत्वपूर्ण होता है। यह प्रोटीन शरीर के द्वारा आसानी और जल्दी अब्जॉर्ब हो जाता है।

2. कैसिइन प्रोटीन: इस प्रोटीन में ग्लूटामाइन भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो एक तरह का अमिनो एसिड है। इस अमिनो एसिड की मदद से कसरत के बाद मांसपेशियां जल्दी से ठीक होने में मदद मिलती है। इस प्रोटीन को पचने में समय लगता है इसलिए इसका सेवन रात में किया जा सकता है।

3. सोय प्रोटीन: सोय प्रोटीन उन लोगों के लिए अच्छा होता है जो लोग डेयरी प्रोडक्ट का सेवन नहीं करते हैं। इस प्रोटीन को छाछ और कैसिइन प्रोटीन की जगह पर लिया जा सकता है। इसमें अमिनो एसिड भरपूर मात्रा में पाया जाता है।

4. पी प्रोटीन: आप सोय प्रोटीन की जगह इस प्रोटीन का भी सेवन कर सकते हैं। इसमें भी भरपूर मात्रा में अमिनो एसिड पाया जाता है।

5. हैम्प प्रोटीन: जिन लोगों को डेयरी प्रोडक्ट, सोय से एलर्जी है उन लोगों के लिए यह प्रोटीन सही है। इसमें भी जरूरी फैटी एसिड पाए जाते हैं। सबसे जरूरी यह है कि आप प्रोटीन पाउडर का सेवन किस तरह से कर रहे हैं। प्रोटीन पाउडर लेते समय इस बात का खास ध्यान रखना जरूरी है कि आप किस प्रकार के प्रोटीन पाउडर का सेवन कर रहे हैं। प्रोटीन पाउडर खरीदते समय सभी जानकारी ध्यान से पढ़ें। अपनी क्षमता के अनुसार प्रोटीन पाउडर का सेवन करें। अधिक मार्गदर्शन के लिए डायटीशियन सनी गुप्ता से सलाह लें. www.drsunnygupta.com

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