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...क्या आपका नमक सही है ??


नमक हमारे खान-पान में सोडियम का सबसे प्रमुख स्रोत है. हमारे शरीर को कई तरह की प्रक्रियाओं के लिए सोडियम की ज़रूरत होती है. कोशिकाएं ठीक से काम करें, शरीर में मौजूद फ़्लूइड्स (तरल पदार्थ) और इलेक्ट्रोलाइट्स संतुलित रहें और ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहे, ये सब काम सोडियम की वजह से ही मुमकिन हो पाते हैं. इसलिए, सोडियम हमारे शरीर का एक ज़रूरी हिस्सा है लेकिन फिर नमक का क्या काम है? ये आख़िर क्या चीज़ है?

हमारे शरीर को जितने सोडियम की ज़रूरत होती है, उसका 90 फ़ीसदी हिस्सा टेबल सॉल्ट या आम नमक से पूरा होता है. वैज्ञानिक भाषा में इसे सोडियम क्लोराइड भी कहते हैं.

विश्व स्वास्थ्य संगठन स्वस्थ लोगों को रोज़ाना पांच ग्राम से कम नमक खाने की सलाह देता है. ये क़रीब-क़रीब एक चम्मच के बराबर हुआ. साधारण नमक की तुलना में सेंधा नमक स्वास्थ्य के लिए अधिक फायदेमंद है. सेंधा नमक में सोडियम की मात्रा कम और पोटेशियम की मात्रा अधिक होती है, इसलिए यह हृदय स्वास्थ्य के लिए बेहतर होता है. एक रिपोर्ट के आधार पर रोजाना 5 ग्राम नमक का सेवन करना चाहिए इससे हाई बीपी, स्ट्रोक, स्किन इंफेक्शन इत्यादि का खतरा होता है। नमक में सेंधा नमक का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। आप सामान्य नमक के नुकसान और सेंधा नमक के फायदे के बारे में उपरोक्त भागों में पढ़ सकते हैं। सेंधा नमक में लगभग 85% सोडियम क्लोराइड होता है. वहीं, सामान्य नमक में 97% सोडियम क्लोराइड होता है. सेंधा नमक में आयोडीन युक्त नमक की तुलना में एक तिहाई कम सोडियम होता है. “एक चम्मच टेबल नमक 2.3 ग्राम सोडियम प्रदान करता है, जबकि एक चम्मच सेंधा नमक 1.9 ग्राम सोडियम प्रदान करता है सेंधा नमक आम नमक का एक स्वस्थ विकल्प है क्योंकि इसमें अधिक खनिज (पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, लोहा और मैंगनीज) होते हैं। आपको एक दिन में 140 mcg आयोडीन का सेवन करने की जरूरत होती है जरूरत से ज्यादा नमक का सेवन करने से व्यक्ति को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या की वजह से हार्ट अटैक, स्ट्रोक और हार्ट फेल्योर जैसी हार्ट डिजीज का खतरा भी बढ़ सकता है। किडनी शरीर में लिक्विड का बैलेंस बनाए रखने में बड़ी भूमिका निभाती है। जंक फ़ूड में नमक की मात्रा ज़्यादा होती है. ज़्यादा नमक खाने से सेहत को कई तरह के नुकसान हो सकते हैं:

  • स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है.

  • किडनी की समस्या हो सकती है.

  • हड्डियों में मौजूद कैल्शियम कम होने लगता है. इससे हड्डियां कमज़ोर होती हैं और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारी हो सकती है.

  • शरीर में पानी जमा होने की समस्या हो सकती है. इससे हाथ, पैर, और टखनों में सूजन हो सकती है.

  • पेट फूलने की समस्या हो सकती है.

  • हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है.

  • बाल झड़ने की समस्या हो सकती है.

  • त्वचा संक्रमण जैसी बीमारी हो सकती है. अधिक मार्गदर्शन के लिए डायटीशियन सनी गुप्ता से सलाह लें. WWW.DRSUNNYGUPTA.COM

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